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यूपी की राज्यपाल, श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आईसीएआर-भारतीय कदन्न (श्री अन्न) अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद का किया सर्वेक्षण

यूपी की राज्यपाल, श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आईसीएआर-भारतीय कदन्न (श्री अन्न) अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद का किया सर्वेक्षण

अंतर्राष्ट्रीय श्री अन्न (मिलेट्स) वर्ष 2023 के अवसर पर, उत्तर प्रदेश की माननीय राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज भाकृअनुप-भारतीय कदन्न (श्री अन्न) अनुसंधान संस्थान (भाकअनुसं), हैदराबाद का दौरा किया। उन्होंने संस्थान में स्थापित श्री अन्न के प्रसंस्करण एवं मूल्यवर्धन सुविधाओं का निरीक्षण किया। साथ ही उनके समक्ष, भारत के अद्वितीय तथा एक बृह्त जननद्रव्य संग्रह एवं श्री अन्न की नवीनतम किस्मों के पुष्प गुच्छों का प्रदर्शन किया गया। माननीय राज्यपाल ने श्री अन्न को लोकप्रिय करने हेतु संस्थान द्वारा की जा रही कोशिशों, इसके द्वारा प्रदत्त सुविधाओं और प्रशिक्षण की तारीफ की है। उन्होंने कहा है, कि लोग पहले श्री अन्न के विविध उत्पाद तैयार करने की विधि और तकनीकों के विषय में नहीं जानते थे। अब इस संस्थान के माध्यम से श्री अन्न उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला के उत्पादन हेतु प्रौद्योगिकियां उपलब्ध कराई जा रही हैं। माननीय राज्यपाल ने उल्लेख किया कि हमारे देश में किसान उत्पादन संगठन (FPO) काफी महत्वपूर्ण हैं। आज किसान उत्पादक संगठन को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जैसे कि बाजार से कैसे संपर्क किया जाए, उत्पाद को ऑनलाइन कैसे बेचा जाए साथ ही उत्पादों का परीक्षण कैसे किया जाए, आदि। यह भी पढ़ें: श्री अन्न का सबसे बड़ा उत्पादक देश है भारत, सरकार द्वारा उत्पादन बढ़ाने के लिए किए जा रहे हैं कई प्रयास माननीय राज्यपाल के समक्ष भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (भाकृअनुप) के द्वारा विकसित एवं उद्यमियों को प्रदत्त लाइसेंसीकृत, विविध मूल्यवर्धित उत्पाद और प्रौद्योगिकियां प्रदर्शित की गई। इस अवसर पर भाकअनुसं के वैज्ञानिकों तथा राज्यपाल श्रीमती पटेल के साथ एक संवादात्मक बैठक भी आयोजित की गई। डॉ. (श्रीमती) सीतारा सत्यवती, निदेशक, भाकअनुसं ने माननीय राज्यपाल को संस्थान के मैट्रिक्स, लक्ष्यों एवं दृष्टिकोणों के बारे में जानकारी दी। डॉ. संगप्पा, वैज्ञानिक ने कहा कि गांवों में श्री अन्न पर काम करने वाले किसानों, कृषि अधिकारियों, उद्यमियों और अन्य अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के लिए इस संस्थान के द्वारा चार राज्यों में 33 किसान उत्पादक संगठन का गठन किया गया है।

श्री अन्न किसानों की आय 3000 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 7000-8000 रुपये प्रति क्विंटल हुई है

श्रीमती रक्षिता लडवंती, सीईओ, अलंदभूताई मिलेट्स फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी, कलबुर्गी, कर्नाटक, ने उल्लेख किया कि उनकी सफलता की कुंजी किसान उत्पादक संगठन से कच्चा माल खरीदने हेतु उद्यमियों से जुड़ाव है। उन्होंने कहा कि स्थानीय महिलाओं को मूल्यवर्धित उत्पादों को तैयार करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, जिसका परिणाम है कि श्री अन्न किसानों की आय 3000 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 7000-8000 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है।

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मोटे अनाज (मिलेट) की फसलों का महत्व, भविष्य और उपयोग के बारे में विस्तृत जानकारी डॉ. बीदयाकर राव, मुख्य कार्यपालक अधिकारी, न्यूट्री हब, भाकअनुसं ने बताया कि भाकअनुसं के द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों के व्यापक प्रसार हेतु मुख्य प्रशिक्षण का प्रारूप तैयार किया जाता है। इसके आधार पर स्थानीय अधिकारियों एवं अन्य लोगों को प्रशिक्षित किया जाता है।
जानिए भाजपा और कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्रों में किसानों के लिए क्या-क्या ऐलान किए हैं ?

जानिए भाजपा और कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्रों में किसानों के लिए क्या-क्या ऐलान किए हैं ?

चैत्र की छठी देवी माँ कात्यायनी एवं बाबा साहेब अंबेडकर के जन्मोत्स्व पर लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर भाजपा ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। कांग्रेस अपना घोषणा पत्र पहले ही जारी कर चुकी है। 

आज हम आपको बताएंगे कांग्रेस और भाजपा द्वारा अपने घोषणापत्र में किसानों के लिए क्या-क्या बड़ी घोषणाएं की गई हैं। 

भाजपा ने किसानों से एमएसपी में वृद्धि, तीन करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने सहित बहुत सारे अन्य वादे किए हैं। 

भाजपा के घोषणा पत्र में किसानों के लिए भी कई बड़े ऐलान किए गए हैं। किसानों के लिए की गई घोषणाओं को 'किसानों का सम्मान-मोदी की गारंटी' नाम दिया गया है। 

भाजपा ने किसानों से एमएसपी में बढ़ोतरी, तीन करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने समेत कई अन्य वादे किए हैं। आइए आपको विस्तार से बताते हैं की भाजपा ने अपने घोषणापत्र में किसानों के लिए क्या-कुछ ऐलान किए हैं। 

किसानों के लिए कांग्रेस की क्या-क्या गारंटी है ?

  1. MSP को स्वामीनाथन आयोग के फार्मूले के तहत कानूनी दर्ज़ा देने की गारंटी। 
  2. किसानों के ऋण माफ़ करने और ऋण माफ़ी की राशि निर्धारित करने के लिए एक स्थायी ‘कृषि ऋण माफ़ी आयोग’ बनाने की गारंटी। 
  3. बीमा योजना में परिवर्तन कर फसल का नुकसान होने पर 30 दिनों के भीतर सीधे बैंक खाते में भुगतान सुनिश्चित करने की गारंटी। 
  4. किसानों के हित को आगे रखते हुए एक नई आयात-निर्यात नीति बनाने की गारंटी। 
  5. कृषि सामग्रियों से GST हटा कर किसानों को GST मुक्त बनाने की गारंटी। 

भाजपा ने किसानों के लिए क्या-क्या घोषणाएं की गई हैं ?

भाजपा के घोषणापत्र के अनुसार, किसानों का सम्मान व सशक्तिकरण भाजपा की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। भाजपा बीते दस वर्षों में सॉइल हेल्थ कार्ड, सूक्ष्म सिंचाई, फसल बीमा, आसानी से बीज की उपलब्धता जैसी विभिन्न नीतियों एवं पीएम किसान सम्मान योजना के अंतर्गत सीधे उनके खातों में वित्तीय सहायता प्रदान करके किसानों को मजबूत बनाया है। भाजपा ने एमएसपी में भी निरंतर बढ़ोतरी की है। भाजपा आगे भी अपने किसान परिवारों की आय को बढ़ाने के लिए कार्य करेगी।

पीएम किसान योजना से किसानों को करेंगे मजबूत: किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत 6,000 रुपये की वार्षिक वित्तीय सहायता दी जाती है। किसानों को निरंतर वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए भाजपा आगे भी कार्य करेगी। 

ये भी पढ़े: पीएम किसान सम्मान निधि योजना के नियमों में बदलाव, जल्द करें ई-केवाईसी अपडेट

पीएम फसल बीमा योजना में मजबूती:  फसल के नुकसान का शीघ्र और सही मूल्यांकन, समयबद्व भुगतान और किसानों की समस्याओं का शीघ्र समाधान सुनिश्चित करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा। 

एमएसपी में बढ़ोतरी: प्रमुख फसलों के लिए एमएसपी में अभूतपूर्व वृद्धि के साथ आगे भी समयबद्ध तरीके से एमएसपी में वृद्धि को जारी रखा जाएगा। 

दाल और खाद्य तेल में आत्मनिर्भरता: भारत को दाल (जैसे अरहर, उड़द, मसूर, मूंग और चना) और खाद्य तेल (जैसे सरसों, सोयाबीन, तिल और मूंगफली) के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए अन्नदाताओं को समृद्ध बनाया जाएगा। 

सब्जी उत्पादन और स्टोरेज के लिए नए क्लस्टर बनेंगे: अन्नदाताओं को आवश्यक कृषि इनपुट प्रदान करके पौष्टिक सब्जियों की पैदावार बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। साथ ही टमाटर, आलू, प्याज आदि जैसी जरूरी सब्जियों की पैदावार के लिए नवीन क्लस्टर निर्मित किए जाएंगे। इन क्लस्टर्स में भंडारण और वितरण की सुविधाएं भी प्रदान की जाएगी।